Chapter 10 – क्योंजीमल और कैसे कैसलिया
Lairikpro
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Page No 88:
Question 1:
गुरुजी थैली में क्या लिए जा रहे थे?
Answer:
गुरुजी थैली में गेहूँ लिए जा रहे थे।
Question 2:
क्योंजीमल और कैसे-कैसलिया से मिलने पर तुम दोनों के बीच में क्यों भटकते रह जाओगे?
Answer:
क्योंजीमल और कैसे-कैसलिया से मिलने पर हम भटकते रह जायेगें क्योंकि इनके क्यों और कैसे के प्रश्न समाप्त ही नहीं होगें।
Question 3:
शिवदास ने गुरुजी की थैली देखकर अपनी गाड़ी क्यों दे दी?
Answer:
शिवदास ने भारी थैली ले जाते देखा और सोचा गुरुजी थक जायेगें इसलिए उसने गाड़ी दे दी।
Question 1:
रोटी को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। कुछ और नाम पता करके लिखो।
…………………, …………………, …………………., …………………, ………………….
Answer:
चपाती, फुल्का, रूटी (बंगाली) आदि।
Question 2:
तुम्हारे घर में आटा सानने को क्या कहते हैं?
आटा गूँधना, आटा गलाना, आटा मलना, या कुछ और?
Answer:
आटा माढ़ना, आटा लगाना।
Question 3:
गुरुजी कौन-से आटे की रोटी खाते थे? अपने साथियों, घर के बड़ों से पता करो कि क्या किसी और चीज़ की रोटी भी बनती है? उनके नाम लिखो। यदि उसका दाना या बाली मिलती है तो उसे भी अपनी कॉपी में चिपका दो।
Answer:
गुरुजी गेहूँ के आटे की रोटी खाते थे। मक्का, जौ, ज्वार, चावल, क्वाद की भी रोटी बनती है।
(नोट: विद्यार्थी बड़ों की सहायता से स्वयं चित्र लगाएँ।)
Question 4:
रोटी क्या ऐसे बनेगी?
आटे को सानेंगे, गेहूँ को पिसवाएँगे, आग पर फुलाएँगे, तवे पर पकाएँगे, चकले पर बेलेंगे, गरम-गरम खाएँगे।
नहीं? तो फिर कैसे?
तो फिर, कैसे? सही क्रम बताओ।
……………………………………………………………………………………………………………
……………………………………………………………………………………………………………
Answer:
गेहूँ को पिसवायेगें, आटे को सानेंगे, चकले पर बेलेंगे, तवे पर पकाएँगे, आग पर फुलाएँगे, गरम-गरम खाएँगे।
Page No 89:
Question 1:
नीचे कुछ आटों के नाम लिखे हैं। उनके दाम पता करो।
नाम
|
वज़न
|
दाम
|
मक्की
| ||
बाजरा
| ||
चना
|
Answer:
नाम
|
वज़न
|
दाम
|
मक्की
|
1 किलो
|
15 – 20 रुपये
|
बाजरा
|
1 किलो
|
10 – 15 रुपये
|
चना
|
1 किलो
|
20 – 22 रुपये
|
Question 5:
गुरुजी ने कैसे-कैसलिया को समझाया कि आटा कैसे साना जाता है। जब तुम घर पर किसी को रोटी बेलते देखो और लिखो कि रोटी कैसे बेली जाती है।
Answer:
मले हुए आटे की गोल-गोल पेडियाँ बनाकर उन्हें चकले-बेलन पर गोल-गोल बेलते हैं।
(नोट: अपनी माताजी के पास जाकर उन्हें रोटियाँ बनाते देखो और फिर इस प्रश्न का उत्तर स्वयं लिखो।)
Question 6:
रोटी बनाने के लिए कितना कुछ काम करना पड़ता है जैसे सानना, बेलना आदि। पता करो और लिखो कि इन्हें बनाने के लिए क्या करना पड़ता है –
(क) चाय बनाने के लिए।
(ख) सब्ज़ी बनाने के लिए।
(ग) दाल बनाने के लिए।
(घ) हलवा बनाने के लिए।
(ङ) लस्सी बनाने के लिए।
Answer:
(क) चाय बनाने के लिए – बर्तन में पानी गर्म करेंगे। पानी के उबलने पर चायपत्ती, चीनी व दूध डालेंगे। उबलने के बाद छलनी से कप में चाय छानेंगे और चाय तैयार।
(ख) सब्ज़ी बनाने के लिए – पहले सब्ज़ी को छीलते, काटते व धोते हैं। फिर कड़ाही में तेल या घी गर्म करके उसमें जीरा, हींग, प्याज़ तथा लहसुन डालें। हल्का भूरा होने पर कटा टमाटर डाल दें। उसमें नमक, मिर्च, धनिया, हल्दी तथा पानी डालकर थोड़ी देर पकने दें। मसाले पक जाने पर उसमें सब्ज़ी डाल दें। फिर पानी डालकर कुछ देर तक और पकाएँ। सब्ज़ी तैयार है।
(ग) दाल बनाने के लिए – जिस दाल को बनाना है, उसे धोकर थोड़ी देर के लिए भिगो दें। फिर दाल को कूकर में डालकर चूल्हे पर पकने के लिए रख दें। उसके अंदर नमक व हल्दी डाल दें। जब चार सीटी आ जाए और आपको लगे की दाल अच्छे तरह गल गई है, तो उसे आँच से उतार लें। एक अलग बर्तन में थोड़ा घी या तेल गर्म करके उसमें हींग, जीरा, प्याज़, टमाटर, मिर्च, अदरक तथा लहसुन डाल दें। उसे थोड़ी देर तक पकाएँ। जब ये सब सामग्री पक जाए, तो दाल को इसमें ऊपर से डाल दें। पाँच मिनट पकाएँ और दाल तैयार है।
(घ) हलवा बनाने के लिए – कड़ाही में घी डालें, उसके बाद सूजी को उसमें सुनहरा होने तक भूने। जब मसाला भून जाए, तो इसमें चीनी और गरम पानी डालते हुए करछी चलाते जाएँ। जब कड़ाई घी छोड़ दे, तो ऊपर से मेवा व इलायची डालकर परोस दें।
(ङ) लस्सी बनाने के लिए – दही को गहरे बर्तन में डालकर मथनी से बिलोये। थोड़ा पानी डाले और चीनी डाले फिर चलाएँ। झाग आने लगे तो लस्सी तैयार है।
Page No 90:
Question 1:
(क) हम गेहूँ पिसवाने आटा-चक्की पर जाते हैं। हम इन कामों के लिए कहाँ जाते हैं?
• आटा खरीदने
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………………………………..
|
• पंचर बनवाने
|
………………………………..
|
• दूध खरीदने
|
………………………………..
|
• जूते की मरम्मत करवाने
|
………………………………..
|
• सुराही खरीदने
|
………………………………..
|
• कॉपी-किताब खरीदने
|
………………………………..
|
• बाल काटवाने
|
………………………………..
|
(ख) अपने घर के पास की आटा-चक्की पर जाओ और पता करो कि –
• वहाँ क्या-क्या पिसता है?
• आटा-चक्की किस चीज़ से चलती है?
• दिन में चक्की को कितनी बार रोका जाता है?
Answer:
(क)
• आटा खरीदने
|
परचून की दुकान या चक्की पर
|
• पंचर बनवाने
|
पंचर लगाने वाली दुकान पर
|
• दूध खरीदने
|
मिल्क बूथ पर या हलवाई की दुकान पर
|
• जूते की मरम्मत करवाने
|
मोची के पास
|
• सुराही खरीदने
|
कुम्हार के पास
|
• कॉपी-किताब खरीदने
|
स्टेशनरी की दुकान पर
|
• बाल काटवाने
|
नाई की दुकान पर
|
(ख)
• वहाँ पर गेहूँ, सभी अनाज दालें तथा मसाले पिसते हैं।
• आटा चक्की बिजली से चलती है।
• कार्य समाप्त होने पर इसे रोक दिया जाता है। ऐसा कई बार किया जाता है।
Page No 91:
Question 1:
नीचे रसोई की कुछ चीज़ों के चित्र बने हैं उन्हें देखकर बताओ कि रोटी बनाने में कौन-कौनसी चीज़ इस्तेमाल नहीं होती। तो ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाएगा? लिखो।
सामान का नाम
|
इस्तेमाल
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……………………………….
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……………………………….
|
……………………………….
|
……………………………….
|
……………………………….
|
……………………………….
|
……………………………….
|
……………………………….
|
Answer:
सामान का नाम
|
इस्तेमाल
|
कप प्लेट
|
चाय पीने के लिए
|
अचार का डिब्बा
|
अचार रखने के लिए
|
कड़ाही
|
सब्ज़ी और पूरी बनाने के लिए
|
करछी तथा चमचा
|
सब्ज़ी चलाने और लेने के लिए/खाना खाने के लिए
|
चूल्हा
|
खाना पकाने के लिए
|
थाली और कटोरी
|
खाना रखने के लिए
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