Chapter 1 – वह चिड़िया जो



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Question 1:

कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।

Answer:

कविता को पढ़ो और अपनी कल्पना से चित्र बनाओ। जैसे- दाना चुगती, दूध पीती, कटोरे में मुँह डालती चिड़िया आदि।

Question 2:

तुम्हें कविता को कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोच कर लिखो।

Answer:

‘प्यारी चिड़िया।’

Question 3:

इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?

Answer:

चिड़िया जिन चीज़ों से प्यार करती है वो इस प्रकार हैं-
(1) चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों (अन्न) से प्यार है।
(2) उसे जंगल में मिले एकान्त, जहाँ वह खुली हवा में गाना गा सकती है, से प्यार है।
(3) उसेनदीसेप्यारहैजिसकाठंडा और मीठापानीवहपीतीहै।
यह चीज़ें उसे आज़ादी का एहसास दिलाती हैं। इसलिए वह इन सबसे प्यार करती है।

Question 4:

कवि ने चिड़िया को छोटी, संतोषी, मुँह बोली और गरबीली चिड़िया क्यों कहा है?

Answer:

चिड़िया छोटे आकार की थी और किसी भी बात को बोलने से नहीं झिझकती है इसलिए कवि ने उसे छोटी और मुँह बोली कहा है। वह संतोषी स्वभाव की है। अतः कवि उसे संतोषी कहता है। चिड़िया को अपने कार्यों पर गर्व है क्योंकि वह नदी के बीच से पानी पीने जैसा कठिन कार्य सफलतापूर्वक कर जाती है। यही कारण है कि कवि ने चिड़िया को गरबीली कहा है।

Question 5:

आशय स्पष्ट करो −
(क) रस उँडेल कर गा लेती है
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है

Answer:

(क) रस उँडेल कर गा लेती है
इस पंक्ति में चिड़िया बन्धन-मुक्त और खुश होकर इतना सुंदर और मीठा गाती है मानो उसने सारा रस गाने में उँडेल दिया हो।
(ख) ”चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
      जल का मोती ले जाती है”
इन पंक्तियों में चिड़िया की कार्य-कुशलता को दर्शाया गया है। वह जल के बीच में स्थित मोती को भी ढूंढ लेती है, अर्थात वह तेज़ बहती नदी से भी पानी पी लेती है।

Page No 3:

Question 1:

पंखों वाली चिड़ियाऊपर वाली दराज़
नीले पंखों वाली चिड़ियासबसे ऊपर वाली दराज़
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज़ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, अतः रेखांकित शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज़ विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो −
……………………………..मोरों वाला बाग
……………………………..पेड़ों वाला घर
……………………………..फूलों वाली क्यारी
……………………………..खादी वाला कुर्ता
……………………………..रोने वाला बच्चा
……………………………..मूँछों वाला आदमी

Answer:

रंगबिरंगेमोरों वाला बाग
हरेभरेपेड़ों वाला घर
लालफूलों वाली क्यारी
सफेदखादी वाला कुर्ता
बहुतरोने वाला बच्चा
लंबीमूँछों वाला आदमी

Question 2:

वह चिड़िया……….जुंडी के दाने रुचि से……….खा लेती है।
वह चिड़िया……….रस उँडेल कर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में ‘रुचि से’ खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस ऊँडेल कर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये दोनों क्रियाविशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रिया-विशेषण छाँटो −
(क) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद मुज़फ़्फ़राबाद की ज़िंदगी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी।
(घ) कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) इबोबी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) यह पत्र मिलते ही फ़ौरन घर चली आओ।
(ज) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

Answer:

(क) सोनाली जल्दीजल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद मुज़फ़्फ़राबाद की ज़िंदगी धीरेधीरे सामान्य होने लगी।
(घ) कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) इबोबी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) यह पत्र मिलते ही फ़ौरन घर चली आओ।
(ज) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

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Question 1:

कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।

Answer:

कविता को पढ़ो और अपनी कल्पना से चित्र बनाओ। जैसे- दाना चुगती, दूध पीती, कटोरे में मुँह डालती चिड़िया आदि।

Question 2:

तुम्हें कविता को कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोच कर लिखो।

Answer:

‘प्यारी चिड़िया।’

Question 3:

इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?

Answer:

चिड़िया जिन चीज़ों से प्यार करती है वो इस प्रकार हैं-
(1) चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों (अन्न) से प्यार है।
(2) उसे जंगल में मिले एकान्त, जहाँ वह खुली हवा में गाना गा सकती है, से प्यार है।
(3) उसेनदीसेप्यारहैजिसकाठंडा और मीठापानीवहपीतीहै।
यह चीज़ें उसे आज़ादी का एहसास दिलाती हैं। इसलिए वह इन सबसे प्यार करती है।

Question 4:

कवि ने चिड़िया को छोटी, संतोषी, मुँह बोली और गरबीली चिड़िया क्यों कहा है?

Answer:

चिड़िया छोटे आकार की थी और किसी भी बात को बोलने से नहीं झिझकती है इसलिए कवि ने उसे छोटी और मुँह बोली कहा है। वह संतोषी स्वभाव की है। अतः कवि उसे संतोषी कहता है। चिड़िया को अपने कार्यों पर गर्व है क्योंकि वह नदी के बीच से पानी पीने जैसा कठिन कार्य सफलतापूर्वक कर जाती है। यही कारण है कि कवि ने चिड़िया को गरबीली कहा है।

Question 5:

आशय स्पष्ट करो −
(क) रस उँडेल कर गा लेती है
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है

Answer:

(क) रस उँडेल कर गा लेती है
इस पंक्ति में चिड़िया बन्धन-मुक्त और खुश होकर इतना सुंदर और मीठा गाती है मानो उसने सारा रस गाने में उँडेल दिया हो।
(ख) ”चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
      जल का मोती ले जाती है”
इन पंक्तियों में चिड़िया की कार्य-कुशलता को दर्शाया गया है। वह जल के बीच में स्थित मोती को भी ढूंढ लेती है, अर्थात वह तेज़ बहती नदी से भी पानी पी लेती है।

Page No 3:

Question 1:

पंखों वाली चिड़ियाऊपर वाली दराज़
नीले पंखों वाली चिड़ियासबसे ऊपर वाली दराज़
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज़ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, अतः रेखांकित शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज़ विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो −
……………………………..मोरों वाला बाग
……………………………..पेड़ों वाला घर
……………………………..फूलों वाली क्यारी
……………………………..खादी वाला कुर्ता
……………………………..रोने वाला बच्चा
……………………………..मूँछों वाला आदमी

Answer:

रंगबिरंगेमोरों वाला बाग
हरेभरेपेड़ों वाला घर
लालफूलों वाली क्यारी
सफेदखादी वाला कुर्ता
बहुतरोने वाला बच्चा
लंबीमूँछों वाला आदमी

Question 2:

वह चिड़िया……….जुंडी के दाने रुचि से……….खा लेती है।
वह चिड़िया……….रस उँडेल कर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में ‘रुचि से’ खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस ऊँडेल कर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये दोनों क्रियाविशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रिया-विशेषण छाँटो −
(क) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद मुज़फ़्फ़राबाद की ज़िंदगी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी।
(घ) कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) इबोबी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) यह पत्र मिलते ही फ़ौरन घर चली आओ।
(ज) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

Answer:

(क) सोनाली जल्दीजल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद मुज़फ़्फ़राबाद की ज़िंदगी धीरेधीरे सामान्य होने लगी।
(घ) कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) इबोबी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) यह पत्र मिलते ही फ़ौरन घर चली आओ।
(ज) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

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